नमाज़ सभी उम्मतों मे मौजूद थी
नमाज़ सभी उम्मतों मे मौजूद थी
हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा (स. अ.) से पहले हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की शरीअत मे भी नमाज़ मौजूद थी। क़ुरआन मे इस बात का ज़िक्र
सूरए मरियम की 31 वी आयत मे मौजूद है कि हज़रत ईसा (अ.स.) ने कहा कि अल्लाह ने मुझे नमाज़ के लिए वसीयत की है। इसी तरह
हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम से भी कहा गया कि मेरे ज़िक्र के लिए नमाज़ को क़ाइम करो। (सूरए ताहा आयत 26)
इसी तरह हज़रत मूसा अ. से पहले हज़रत शुऐब अलैहिस्सलाम भी नमाज़ पढ़ते थे जैसे कि
सूरए हूद की 87वी आयत से मालूम होता है। और इन सबसे पहले
हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम थे। जो अल्लाह से अपने और अपनी औलाद के लिए नमाज़ क़ाइम करने की तौफ़ीक़ माँगते थे।
और इसी तरह हज़रत लुक़मान अलैहिस्सलाम अपने बेटे