नमाज़ और बेदारी
नमाज़ और बेदारी
इस्लाम समाज मे मानवी (आध्यात्मिक) गर्मी पैदा करना चाहता है। नमाज़ के लिए जल्दी करो और अल्लाह के ज़िक्र की तरफ़ बढ़ो जैसे नारे इस लिए हैं कि अज़ान की मुक़द्दस आवाज़ को सुनने के बाद इस्लामी समाज मे एक खास गर्मी पैदा हो। लोग अपने कामों को छोड़े आपसी इख्तिलाफ़ात को भुला कर वहदत के बंधन मे बंध जायें। और इंसान ग़फ़लत