वह कार्य जो मुजनिब पर हराम है
  • शीर्षक: वह कार्य जो मुजनिब पर हराम है
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  • रिलीज की तारीख: 15:4:0 1-9-1403

नोटः(वीर्य(मनी)निकलने के बाद, ग़ुस्ल या तयम्मुम करने से पहले इंसान मुजनिब कहलाता है)

361 मुजनिब इंसान पर निम्न लिखित पाँच कार्य हराम हैं।

· क़ुरआने करीम के अलफ़ाज और अल्लाह के नामों को छूना चाहे वह किसी भी ज़बान में लिखे हो। और बेहतर यह है कि पैगम्बरो, इमामों और हज़रत ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के नामों को भी न छुवा जाये।

· मस्जिदुल हराम व मस्जिदुन नबी में जाना चाहे एक दरवाज़े से दाख़िल हो कर दूसरे दरवाज़े से बाहर निकलना ही क्योँ न हो।

· मस्जिदुल हराम व मस्जिदुन नबी के अलावा अन्य मस्जिदों में रुकना। और एहतियाते वाजिब यह है कि इमामों के हरम में भी न रुका जाये। लेकिन अगर आम मस्जिदों को केवल पार करना हो तो यानी एक दरवाज़े से दाख़िल हो कर दूसरे दरवाज़े से निकल जाना हो तो इसमें क