हज़रत ईसा मसीह(अ)
  • शीर्षक: हज़रत ईसा मसीह(अ)
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  • रिलीज की तारीख: 19:5:38 1-9-1403

हज़रत ईसा ने लोगों को पथभ्रष्टता और अत्याचार से रोका। जब हज़रत ईसा को अपनी पैग़म्बरी के काल में यहूदी गुटों के द्वेषपूर्ण आक्रमणों का सामना हुआ तो वे अपने निष्ठावान साथियों को ढूंढने निकले। वे कहते थे कि कौन है जो मेरी सहायता करे? उनके शिष्य उनपर दृढ़ आस्था रखते थे, उन्होंने उनके उत्तर में कहा कि हम ईश्वरीय धर्म के सहायक हैं और आप पर ईमान लाए हैं। इन्हीं लोगों को हवारी कहा जाता है। बाद में हवारी ईसाई धर्म के प्रचारक बन गए और हज़रत ईसा ने इन 12 लोगों पर आधारित हवारियों के गुट को विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पैग़म्बरी के प्रचार के लिए भेजा। हज़रत ईसा मसीह ने अपने हवारियों को अत्याचार के विरोध और न्याय प्रेम का पाठ सिखाया और उनसे कहा कि हे हवारियों, अत्याचारियों और विद्रोहियों से शत्रुता के बदले ईश्वर से मित्रता के मार्ग पर चलो और उन लोगों से दूरी करके स्वयं को ईश्वर से निकट करो।

एक दिन हवारियों ने हज़रत ईसा से कहा कि हे ईश्वर की आत्मा! हम किस के साथ उठे बैठें? तो आपने कहा कि उस व्यक्ति के साथ उठो बैठो जिसकी भेंट तुम्हें ईश्वर की याद दिलाए और उसकी बात तुम्हारी जानकारियों में वृद्धि करे और उसका व्यवहार तुम्हें परलोक की ओर प्रेरित करे।


इसी प्रकार हज़रत ईसा मसीह अपने साथियों को सलाह देतें हैं कि यदि तुम लोगों ने अपने हृदयों को मृत्यु की याद से नर्म न किया तो विद्रोही हो जाओगे। यदि नदी में नौका डूबती है तो इससे नदी को कोई हानि नहीं होती, इसी प्रकार तुम्हारे पाप ईश्वर की महानता को कम नहीं कर सकते और उसे हानि नहीं पहुंचा सकते किन्तु यह तुम हो जो हानि उठाओगे।

एकेश्वरवाद और ईश्वर की उपासना की भावना का प्रचलन, दूसरों के प्रति स्नेह प्रकट करना, न्याय का प्रचलन और अत्याचार का विरोध, समस्त ईश्वरीय दूतों की शिक्षाओं के संयुक्त सिद्धांतों में से है। ईश्वर पवित्र क़ुरआन में इस वास्तविकता को बयान करते हुए कि समस्त ईश्वरीय दूतों की शिक्षाएं और लक्ष्य संयुक्त है, सूरए बक़रह की 136वीं आयत में पैग़म्बरे इस्लाम (स) को संबोधित करते हुए कहता है कि तुम कहो कि हम अल्लाह पर और जो उसने तुम्हारी ओर भेजा है और जो इब्राहीम, इस्माईल, इस्हाक़, याक़ूब और याक़ूब के पुत्रों की ओर भेजा है और जो मूसा, ईसा और ईश्वरीय दूतों को अल्लाह की ओर से दिया गया है उन सब पर ईमान ले आए हैं हम ईश्वरीय दूतों में अंतर नहीं करते और हम ईश्वर के सच्चे मुसलमान हैं।

खेद की बात यह है कि वर्तमान युग में कुछ लोग मानवता के लिए ईश्वरीय दूतों की भिन्न छवि को प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं और ईश्वरीय दूतों में से एक ईश्वरीय दूत को विभूतियों, अनुकंपाओं और मित्रता का पैग़म्बर बताते हैं जबकि दूसरे पैग़म्बरों को हिंसा और युद्ध का पैग़म्बर बताने का प्रयास कर रहे हैं। जबकि हज़रत आदम से लेकर हज़रत नूह, हज़रत इब्राहीम, हज़रत ईसा और अंतिम ईश्वरीय दूत हज़रत मुहम्मद (स) समस्त ईश्वरीय दूतों ने लोगों से एक दूसरों के प्रति स्नेह प्रकट करने की मांग की है और एक दूसरे के प्रति नर्म और भावनात्मक व्यवहार अपनाने पर बल दिया है किन्तु इसके विपरीत अन्याय और आत्याचार पर चुप न बैठने को कहा है। इस प्रकार से हज़रत ईसा अत्याचारों से शत्रुता को ईश्वर से मित्रता का मार्ग मानते हैं।

वर्तमान युग में मानवता को वास्तविक ईश्वरीय धर्म की पहचान की आवश्यकता है। ऐसी वास्तविकता जो शांति और न्याय की शुभसूचक है किन्तु अत्याचार के मुक़ाबले में मौन धारण करने को सही नहीं समझती। वर्तमान समय में हम ऐसी परिस्थिति में जीवन व्यतीत कर रहे हैं कि हिंसा, अत्याचार, अतिग्रहण, अस्थिरता ने वैश्विक वातावरण को अशांत कर दिया है और वर्चस्ववादियों और सम्राज्यवादियों ने ईश्वरीय धर्म को अपने वर्चस्ववादी लक्ष्यों को पूरा करने का साधन बना लिया है। वे स्वयं को हज़रत ईसा का अनुयायी कहते हैं जबकि उनकी कथनी और करनी में हज़रत ईसा की शिक्षाओं का चिन्ह ही नहीं मिलता। हज़रत ईसा का शुभ जन्म दिवस और हर ईश्वरीय दूतों का शुभ जन्म दिवस, ऐसा उचित अवसर है कि ईश्वरीय धर्मों के अनुयायी इन ईश्वरीय दूतों के संयुक्त सिद्धांतों के बारे में चिंतन मनन करें और मानसपटल से अज्ञानता और निश्चेतना की धूल झाड़ने और सत्य के मार्ग को स्पष्ट करने के लिए एक दूसरे का साथ दें।

इस शुभ अवसर पर हम कामना करते हैं कि फ़िलिस्तीन, अफ़ग़ानिस्तान और इराक़ जैसे विश्व के कुछ क्षेत्र जो दुःखद और कष्टदायक वातावरण में फंसे हुए हैं, हज़रत मसीह के अनुसरण का दावा करने वालों के अत्याचार और अतिग्रहण से स्वतंत्र हो जाए। निःसंदेह आज के दिन यदि हमारे बीच हज़रत ईसा मसीह होते तो अत्याचारग्रस्त लोगों की मुक्ति के लिए एक क्षण भी संकोच न करते। हमारा विश्वास है कि एक दिन हज़रत ईसा मसीह मानवता के मोक्षदाता और पैग़म्बरे इस्लाम के पौत्र हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के साथ प्रकट होंगे ताकि पूरे संसार में न्याय की स्थापना करें और अत्याचारियों तथा वर्चस्ववादियों को उनके कर्मो का दंड दें।

प्रिय मित्रो हम एक बार फिर हज़रत ईसा मसीह अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के अवसर पर आपकी सेवा में हार्दिक बधाई प्रस्तुत करते हैं।