आशूरा के पैग़ाम
आशूरा के पैग़ाम
1-पैग़म्बर (स.) की सुन्नत को ज़िन्दा
करना।
2-बातिल के चेहरे पर पड़ी नक़ाब को उलटना।
3-अम्र बिल मारूफ़ को ज़िन्दा करना।
4-मोमेनीन को पहचानना।
5-इज़्ज़त की हिफ़ाज़त करना।
6-ताग़ूती ताक़तों से लड़ना।
7-दीन पर हर चीज़ को कुर्बान कर देना चाहिए।
8-शहादत के जज़बे को ज़िन्दा करना।
9-अपने हदफ़ पर आखरी दम तक जमे रहना।
10-जब हक़ के लिए लड़ो तो सब जगह से ताक़त हासिल करो।
11-तादाद की कमी से नही डरना चाहिए।
12-ईसार और समाजी तरबीयत।
13-तलवार पर ख़ून की फ़तह।
14-पाबन्दियों से नही घबराना चाहिए।
15-निज़ाम
16-औरतों के किरदार से फ़ायदा उठाना।
17-जंग में भी यादे ख़ुदा।
18-अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करना।
19-मकतब की बक़ा के लिए कुर्बानी।
20-अपने रहबर की हिमायत
21-दुनिया की मुहब्बत सबसे ज़्यादा ख़तरनाक है।
22-तौबा का दरवाज़ा हमेशा खुला रहता है।
23-आज़ादी
24-जंग में पहल नही करनी चाहिए।
25-इंसानी हुक़ूक़ की हिमायत
26-अल्लाह से हर हाल में राज़ी रहना।