अल्लाह के पवित्र कुरआन मजीद, और प्रसिद्ध ग्रंथ एक ज्ञान व हुनर, फ़िक्री व अक़ली, मददी व मानबी के व्यतीत एक आसमानी मोज़ेज़ा भी है, क्योंकी कुरआन मजीद बूलन्द ध्वनी के साथ जनसाधारण को अमंत्रन किया है. कि हमारे उदाहरण एक पवित्र कुरआन को ले आएं, इस का कारण यह है की अरब के लोग एक विशेष लतीफ़ बयान में जौक़ व शौक़ रख़ते थे, और उन लोगों के ज़बान की फ़साहत व बलाग़त एक विशेष स्थान व उन्नती पर थी. लेकिन इस के बावजूद कुरआन के सम्मुख़ और उस का उत्तर लाने में कोई शक्ति नहीं रख़ता था, अगर वह लोग कुरआन की विरुद्ध में कोई शक्ति रख़ता यक़ीनन युद्ध के मैदाने में प्रवेश करता। और विसात व कुरआन के प्रकाश के यूग तक, इस का विरुद्ध करता, क्योंकि ख़ूद कुरआन मजीद आपनी विरुद्ध दल को उसी तरह एक प्रसिद्ध और ग्रंथ लाने के लिए दवत की है ताकि हमारे जैसा एक प्रसिद्ध ग्रंथ लेके अएं। लेकिन अरब के दर्मियान समस्त प्रकार कविता कहने वालें और उस समय के अपनी ज़बान में फ़साहत व बलाग़त रख़ने वालें जो उस यूग से लेकर आज के यूग तक अरब ज़बान पर एक हल-चल मचा के रख़े है. उन लोगों ने भी क़बूल किया हैं कि कुरआन की ज़बानी और रसुल की बयानी में कोई पार्थक नहीं है। कुरआन उन सब अदबीयात और भाषा की मिठी को दफ़न कर दिया है।
अतीत इतिहास लिख़ने वालों और अरब के इतिहास लिख़ने वालों ने क़बूल करके बयान दिया हैः कि कुरआन प्रत्येक यूग के लिए मोज़ेज़ा व वेनज़ीर है। कोई उस के विरुद्ध नहीं कर सकता और सब समय और सब यूग के लिए मोज़ेज़ा है।
हाँ, कुरआन एक ऐसा प्रसिद्ध ग्रंथ है जो सब समय के लिए जीवित और इंसान को इंनसानीयत की तरफ़ उन्नती कराता है। ख़ूश वख्ति, साआदत, परित्राण को एक भीत्ति क़रार दिया है (( यक़ीनन पवित्र कुरआन इंसानों को एक ऐसा सही पथ का निर्देशना करता है जो मूस्तक़ीम और सीधा रास्ता है। और इमान्दार व्यक्तियों को खूश ख़बरी देते है. कि उन लोगों को अच्छे पूरष्कार मिलेगा)) (12) इस विनापर पवित्र कुरआन मजीद पैग़म्बरे अकरम (स0) के लिए सब समय मोज़ेज़ा और सूरज की किरण कि तरह चमकने वाला है। और अल्लाह के वही है, और अल्लाह के वही कभी ख़ामोश होने वाला नहीं है। अल्लाह का फ़रमान है ((मैं ने इस पवित्र कुरआन को नाज़िल किया हूँ और मैं उस को संरक्षण करुऊँगा))। (13)