वह कार्य जो मुजनिब के लिए मकरूह हैं।
  • शीर्षक: वह कार्य जो मुजनिब के लिए मकरूह हैं।
  • लेखक: हज़रत आयतुल्लाह सैय्यद अली सीसतानी साहब
  • स्रोत: alshia.org
  • रिलीज की तारीख: 4:47:1 29-6-1403

362  मुजनिब इंसान के लिए नौ कार्य मकरूह हैं।


•खाना, पीना लेकिन अगर हाथ मुँह धो लिये जायें और कुल्ली कर ली जाये तो मकरूह नही है। और अगर सिर्फ़ हाथ धो लिये जायें तो तब भी कराहत कम हो जायेगी।


•कुरआने करीम की सात से ज़्यादा उन आयतों को पढ़ना जिनमें वाजिब सजदा न हो।


•कुरआने मजीद की ज़िल्द, हाशिये या अलफ़ाज़ के बीच की ख़ाली जगह को छूना।


•कुरआने करीम को अपने साथ रखना।


•सोना- लेकिन अगर वुज़ू कर ले या पानी न होने की वजह से ग़ुस्ल के बदले तयम्मुम कर ले इसके बाद सोना मकरूह नही है।


•मेंहदी या इससे मिलती जुलती किसी चीज़ से ख़िज़ाब करना।


•बदन पर तेल की मालिश करना।


•एहतिलाम(स्वप्न दोष) हो जाने के बाद संभोग करना।

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नोटः वीर्य निकलने के बाद, ग़ुस्ल या तयम्मुम करने से पहले इंसान मुजनिब कहलाता है)